भालू ने खेली फुटबॉल- Hindi Story, हिंदी गोष्टी, हिंदी कथा

भालू ने खेली फुटबॉल- Hindi Story, हिंदी गोष्टी, हिंदी कथा 

भालू ने खेली फुटबॉल

सर्दियों का मौसम था। सुबह का वक्त।

चारों ओर कोहरा ही कोहरा।

एक शेर का बच्चा सिमटकर गोल-मटोल बना जामुन के पेड़ के नीचे सोया हुआ था।

इधर भालू साहब सैर पर

निकल तो आए थे लेकिन पछता रहे थे।

तभी उनकी नज़र जामुन के पेड़ के नीचे पड़ी।

आँखें फैलाई, अक्ल दौड़ाई- अहा फुटबॉल।

सोचा, चलो इससे खेलकर कुछ गर्मी हासिल की जाए।

आव देखा न ताव।

भालू जी ने पैर से उछाल दिया शेर के बच्चे को।

हड़बड़ी में शेर का बच्चा दहाड़ा और फिर पेड़ की एक डाल पकड़ ली।

मगर डाल टूट गई।

भालू साहब जल्दी ही मामला समझ गए। पछताए, लेकिन अगले ही पल दौड़कर फुर्ती से  दोनों हाथ बढ़ाए और शेर के बच्चे को लपक लिया।

अरे यह क्या! शेर का बच्चा फिर से उछालने के लिए कह रहा था।

एक बार फिर भालू दादा ने उछाला।

दो बार... तीन बार... फिर बार-बार यही होने लगा।

शेर के बच्चे को उछलने में मज़ा आ रहा था।

परंतु भालू थककर परेशान हो गया था।

ओह, किस आफ़त में आ फँसा।

बारहवीं बार उछालते ही भालू ने घर की ओर दौड़ लगाई और गायब हो गया।

अब की बार शेर का बच्चा धड़ाम से ज़मीन पर आ गया। डाल भी टूट गई।

तभी माली वहाँ आया और शेर के बच्चे पर बरस पड़ा

डाल तोड़ दी पेड़ की।

लाओ हर्जाना।

शेर के बच्चे ने कहा ज़रा ठीक तो हो लूँ।

माली ने कहा ठीक है।

मैं अभी आता हूँ।

माली के वहाँ से जाते ही शेर का बच्चा भी नौ दो ग्यारह हो लिया।

उसने सोचा जान बची तो लाखों पाए

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